देवशयनी एकादशी 2020
देवशयनी एकादशी का महत्व अपने आप में ही बहुत महत्वपूर्ण है क्योकि इस दिन भगवान् विष्णु चार महीनो के लिए पाताल लोक में निवास के लिए चले जाते है।देवशयनी एकादशी की तिथि से ही चतुर्मास
की शुरुआत मानी जाती है। पंचांग के हिसाब से इस बार यह व्रत 1 जुलाई 2020 को है जिसे हरिसैनी एकादशी भी कहा जाता है।
देवशयनी एकादशी व्रत की महत्ता
कई पौराणिक कथाओ और मान्यताओं के अनुसार एकादशी व्रत को रखने मात्र से ही व्यक्ति विशेष को विभिन्न प्रकार का पुण्य प्राप्त हो जाता है और केवल इसी व्रत से वह अपनी सभी समस्याओ से निदान पा लेता है।
एकादशी के दिन व्रत रखने से कई प्रकार के रोगो से भी मुक्ति मिल जाती है।भगवान विष्णु और पीपल के वृक्ष की पूजा करने से पहले दाएँ हाथ में जल लेकर संकल्प लेना चाहिए व् विधिपूर्वक एकादशी का व्रत करना चाहिए।माना जाता है कि इस प्रकार व्यक्ति अपनी सभी चिंताओं से भी मुक्ति पा लेता है।
भगवान विष्णु के पाताल लोक में जाने के बाद चार महीनो तक कोई भी धार्मिक कार्य जैसे विवाह मुहूर्त व् अन्य कार्य नहीं किये जाते ,अन्यथा धार्मिक कार्यो का कोई विशेष महत्व नहीं रह जाता और न ही कोई उचित परिणाम मिलते है।
देवशयनी एकादशी व्रत व् मुहूर्त
एकादशी तिथि आरम्भ - 30 जून,2020 समय शाम 07 :49 बजे से
एकादशी तिथि समाप्त -1 जुलाई ,2020 समय शाम 05 :29 बजे तक
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